कनाडा की राजधानी टोरंटो में चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। चीन के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन क्षेत्रीय तिब्बती युवा कांग्रेस द्वारा किया जा रहा है। इस दौरान ‘तिब्बत भारत के साथ खड़ा है’ ऐसे नारे लगाए जा रहे हैं। वहीं, थैंक यू इंडियन आर्मी के नारे भी बुलंद हो रहे हैं।
अभी कुछ दिनों पहले भी पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में रिजनल तिब्बत युवा कांग्रेस के समर्थकों ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और लोगों से चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की।
इससे पहले भी भारत और चीन के बीच हुई हिंसा के बाद भारत के शहीद हुए जवानों पर दुख जताया था तिब्बती समुदाय के लोगों ने।
तिब्बत पर चीन का कब्जा
तिब्बत की निर्वासित सरकार के मुखिया लोबसांग सांगेय ने सोमवार को कहा कि चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत को तिब्बत का मुद्दा भी उठाना चाहिए। सांगेय ने फॉरेन कॉरेसपोंडेंस क्लब की तरफ से आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत व चीन के बीच तनाव का एक मुद्दा तिब्बत भी है। तिब्बत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत व चीन के बीच बफर जोन का काम करता था, लेकिन चीन द्वारा तिब्बत को हथिया लिए जाने के बाद यह व्यवस्था खत्म हो गई।
सेंट्रल तिब्बत एडमिनिस्ट्रेशन (सीटीए) के प्रेसिडेंट ने कहा कि पंचशील समझौते के रूप में चीन ने विश्वासघात का बीज बोया था। चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा किए जाने के बाद भारत ने बड़ी कीमत चुकाई है। उन्होंने कहा, ‘भारत को कहना चाहिए कि तिब्बत अहम मुद्दा है। उसे तिब्बत मुद्दे को सुलझाने में अहम भूमिका निभानी चाहिए।’