*मुजफ्फरपुर: आज दोपहर बाद हो सकती है बारिश, शाम-रात के बारे में भी पूर्वानुमान रिपोर्ट जारी*
बुधवार को आसमान बादलों से ढंका था, लेकिन बारिश नहीं हुई। विगत एक सप्ताह से जारी बारिश पर कल रोक लगी थी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अब इससे मुक्ति मिल गई है। गुरुवार के लिए जारी पूर्वानुमान रिपोर्ट में दोहपर बाद हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है। देखा जाए तो सुबह धूप निकल आई। ऐसे में लोगों का यह अनुमान हो सकता है कि आज बारिश नहीं होगी, लेकिन विभाग का पूर्वानुमान ऐसा नहीं है। इस दौरान हवा की दिशा पुरवा बरकरार रहेगी।
एक्युवेदर की ओर से जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आज पुरवा हवा चलती रहेगी। इसकी दिशा पूरे दिन स्थित रहेगी। आज का अधिकतम तापमान 33 डिग्री रह सकता है। उत्तर बिहार में अगले दो दिनों तक हल्की बारिश होगी। मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी तथा पश्चिमी चम्पारण में थोड़ी अधिक वर्षा की संभावना है। यह कहना है मौसम विभाग का। मंगलवार को जारी मौसम पूर्वानुमान में यह बात कही गई है। अगले 11 सितंबर तक के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने यह बात ही है।
पुरवा हवा चलने का अनुमान
मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक उत्तर बिहार के जिलों में हल्के से मध्यम बादल छाए रह सकते हैं। अगले दो दिनों तक अधिकांश जिलों में हल्की वर्षा होने की संभावना है। कुछ जिलों जैसे- मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी तथा पश्चिमी चम्पारण जिलों में हल्की से थोड़ा अधिक वर्षा हो सकती है उसके बाद वर्षा होने की संभावना में कमी आ सकती है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 26 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि में पुरवा हवा चलने का अनुमान है। औसतन 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। इस दौरान सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 70 से 80 प्रतिशत तथा दोपहर में 50 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है।
किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा गया है कि इस माह की 15 सितम्बर तक अरहर की बुआई उचास जमीन में संपन्न कर लें। इसके लिए पूसा-9 एवं शरद प्रभेद अनुशंसित है। बुआई के समय प्रति हेक्टेयर 20 किलोग्राम नेत्रजन, 45 किलोग्राम फास्फोरस, 20 किलोग्राम पोटाश तथा 20 किलोग्राम सल्फर का व्यवहार करें। बुआई के 24 घंटे पूर्व 2.5 ग्राम थीरम दवा से प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें। बुआई के ठीक पहले उपचारित बीज को उचित राइजोबियम कल्चर से उपचारित कर बुआई करनी चाहिए। जुन-जुलाई में बोयी गई अरहर की फसल में कीट-व्याधि का निरीक्षण करते रहें।